रांची में ऑटो हड़ताल खत्म, यात्रियों को मिली राहत
Pointers by Vyom Tiwari 30-Aug-2024
- प्रमंडलीय आयुक्त अंजनी कुमार मिश्र की बैठक के बाद रांची में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने हड़ताल खत्म कर दी, जिससे शुक्रवार से सभी वाहन फिर से चलने लगे।
- आयुक्त ने 3000 ई-रिक्शा को सिटी पास देने का वादा किया और फिलहाल नए ऑटो परमिट देने और परमिट को 17 रूट में बांटने पर रोक लगा दी।
- प्रदेश सीएनजी ऑटो चालक महासंघ और अन्य यूनियनों ने आयुक्त के आश्वासन पर हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया।
- ऑटो यूनियन के पदाधिकारियों ने यात्रियों से हुई असुविधा के लिए माफी मांगी।
- हड़ताल के दौरान स्कूल-कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों और आम लोगों को भारी परेशानी हुई, और यात्रियों से मनमाना किराया वसूला गया।
रांची के दो रियल एस्टेट कारोबारियों से पीएलएफआई ने तीन करोड़ रुपये की लेवी मांगी
Pointers by Vyom Tiwari 30-Aug-2024
- झारखंड के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई ने रांची के दो रियल एस्टेट कारोबारियों से तीन करोड़ रुपये की लेवी व्हाट्सएप के जरिए मांगी।
- कडरू निवासी कारोबारी हेमंत सिंह मुंडा ने अरगोड़ा थाना में दो करोड़ की लेवी मांगने की शिकायत दर्ज कराई, जबकि संजय कुमार ने लालपुर थाना में एक करोड़ की लेवी मांगने की रिपोर्ट दी।
- संजय कुमार के मैनेजर के फोन पर आए व्हाट्सएप मैसेज में संगठन के खिलाफ जाने पर फौजी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
- धमकी भरे संदेश मिलने के बाद दोनों कारोबारियों के परिवार डरे हुए हैं और उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है।
- पुलिस मोबाइल नंबर की पहचान के लिए तकनीकी शाखा की मदद ले रही है, जिससे व्हाट्सएप के जरिए लेवी की मांग की गई थी।
रामदास सोरेन बने मंत्री: जानिए कैसे कोल्हान की महिलाओं को मिलेगा सबसे बड़ा फायदा
Pointers by Vyom Tiwari 30-Aug-2024
- चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद, रामदास सोरेन को हेमंत सोरेन की कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। इस खबर के बाद कोल्हान क्षेत्र में जश्न मनाया गया।
- रामदास सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बड़े नेता हैं और आदिवासी समाज में उनकी अलग पहचान है। उनका राजनीतिक जीवन संघर्षपूर्ण रहा है, और उन्होंने झारखंड आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई है।
- रामदास सोरेन ने 1980 में झामुमो से राजनीति शुरू की और कई पदों पर रहे। उन्होंने 2009 में पहली बार घाटशिला से विधानसभा चुनाव जीता और फिर 2019 में दोबारा विधायक बने।
- 2009 में रामदास सोरेन ने पहली बार चुनाव जीता। 2014 में मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2019 में उन्होंने फिर से जीत हासिल की।
- रामदास सोरेन की पत्नी, सूरजमनी सोरेन ने कहा है कि अब कोल्हान की महिलाओं को मंईयां योजना का सबसे अधिक लाभ मिलना चाहिए।